नीलेशभाई राज्यगुरु महाराज का कथन
भगवन को कुछ देना है तो उन्हें सच्चे ह्रदय से भक्तिभाव अर्पित करना चाहिए. ईश्वर सच्चे ह्रदय लोगो से ही प्रसन्न होते है. भगवन यह ज्ञान का मंदिर है. इसकी भी कुछ मर्यादा व नियम होते है. मंदिर में ज्ञान की गंगा व कर्म की सरस्वती बसती है. जिससे सभी श्रोताओं को अपने अंर्तमन से इसे सुनना आवश्यक है. उक्त विचार निलेशभाई राज्यगुरु महाराज ने व्यक्त किये. शहर के सूचक परिवार की ओर से श्री मंगल कार्यालय (गोकुलधाम) में श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञानयज्ञ पारायण की रविवार से शुरुआत की गई. महाराज ने कहा की बड़ी कठिनाइयों से गरजने के बाद मानव को सदैव धर्म के पथ पर चलना चाहिए. भगवन के कार्य, पूजा-अर्चना, माँ-पिता की सेवा यह भी धर्म ही है. धर्म के कार्य से ही संतुष्टि प्राप्त होती है.
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