Saturday, 24 October 2015

भारतीय धनकुबेरों का विदेश पलायन

एचएनआई का तमगा उन लोगो को मिलता है, जिनकी सपत्ति 10 लाख डॉलर (लगभग साढ़े 6 करोड़ रुपया) या इससे ज्यादा है. इस मामले में दुनिया का जो इकलौता देश हमसे आगे है, वह है चीन, जिसके 91000 करोड़पति इसी अवधि में विदेशो में बसने चले गये, कहने को अपने देश में करोड़पतियों की भरमार है. लेकिन अगर टैक्स अदा करनेवाले ऐसे अमीरो की बात की जाये तो 2013 में इनकी संख्या महज 1 लाख 56 हजार थी. इससे पता चलता है. की इस देश में रहते हुए यहाँ के ससाधनो का इस्तेमाल करते हुए पैसे कमाने वाले लोगो का लगभग आधा हिस्सा मौका मिलते ही विदेशो में जा बसता है. दिलचस्प बात यह है की देश को टा-टा बाय-बाय कहने के पीछे एक उद्देश्य कमाए गए पैसो का ज्यादा से ज्यादा हिस्सा सरकार की नजर से बचाना होता है, एक और दिलचस्प आब्जर्वेशन यह है की देश छोड़ने में भी यह समूह सौ फीसदी ईमानदारी नहीं है. इनमे से बहुतेरे दोनों तरफ टांग फसाए रखना चाहते है. 

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