माँ दुर्गा का दूसरा रूप ब्रह्मचारिणी है. कठोर तप और ध्यान की देवी है. इनकी उपसना नवरात्री के दूसरे दिन की जाती है. ब्रह्मचारिणी माँ पार्वती के जीवन काल का वो समय था जब वे भगवन शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या कर रही थी. तपस्या के प्रथम चरण में उन्होंने केवल फलो का सेवन किया फिर बेल पत्र और अंत में निराहार रहकर कई वर्षों तक तप कर भगवन शिव को प्रसन्न किया। इनके दाहिने हाथ में जप की माला और बाए हाथ में कमंडल है.
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