Monday, 28 September 2015

ग़ज़ल

ज़िन्दगी

हर ज़िन्दगी एक कहानी है
किसी के प्यार की निशानी है।

दो सांसों के बीच फासला
बचपन बुढ़ापा जवानी है।

कभी चाहत उमंगो भरी
कभी एकदम बेमानी है।

किसी का होकर जी ले
देख हर शाम सुहानी है

No comments:

Post a Comment