एक करार की तलाश में
न पूछो, हम कहाँ गए?
दफ़न हुए, मगर
खुदा तक गए.....!
जख्म मेरी रूह के
देखकर लगा उसे,
खुद हुए तो क्या, मगर
खुदाई से गए.…
आतिशे, रोशनी
बहुत हुई थी दोस्तो
पता चला जहाँ को
कब्र में हम गए.…
अब मना तू खूशी
मेरे जाने की सनम,
जख्म तेरे सभी
हम छुपा के गए.…
भूलकर कभी, खुदा
ना आएंगे फिर जहाँ में
एक ज़िन्दगी में ही
हम कई बार मर गए.…
No comments:
Post a Comment