Tuesday 20 October 2015

माँ कालरात्रि

माँ कालरात्रि 
 माँ दुर्गाजी की सातवीं शक्ति कालरात्रि के नाम से जानी जाती हैदुर्गा पूजा के सातवें दिन माँ कालरात्रि की उपासना का विधान हैइस दिन साधक का मन सहस्त्रार चक्र मे स्थित रहता हैइसके लिए ब्रहांड की समस्त सिद्धियों का द्वार खुलने लगता हैमाँ कालरात्रि का स्वरुप देखने में अत्यंत भयानक हैलेकिन ये सदैव शुभ फल ही देने वाली हैइसी कारण इनका एक नाम शुभंकारी भी हैअंतइनमे भक्तों को किसी प्रकार भी भयभीत अथवा आतंकिल होने की आवश्यकता नही है
माँ कालरात्रि दुष्टों का विनाश करने वाली हैदानव दैत्य ,राक्षसभूतप्रेत आदि इनके स्मरण मात्र से ही भयभीत होकर भाग जाते हैये ग्रहबाधाओं को भी दूर करने वाली हैइनके उपासकों को अग्रि-भय,जल-भयजंतु-भयरात्रि-भयआदि कभी नहीं होते। इनकी कृपा से वह सर्वथा -मुक्त हो जाता है



No comments:

Post a Comment