Saturday 26 September 2015

शिक्षा का निजीकरण बंद करें

भाविमो व भायुमो ने दिया धरना 
अमरावती: राष्ट्रमाता जिजाऊ व छत्रपति शिवजी महाराज के साहित्य  जरिए बदनामी करने वाले शिवद्रोही बमो पुरंदरे के लेखन साहित्य पर पाबंदी लगाने समेत महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार और शिक्षा का निजीकरण बंद करने की मांग को लेकर भारतीय विध्यार्थी मोर्चा व भारतीय युवा मोर्चा ने जिलाधिकारी कार्यालय के सामने धरना दिया जिलाधिकारी को सौपें गये ज्ञापन में बताया की भारत में 33 करोड़ सुशिक्षित युवक-युवतियां बेरोजगार है. बावजूद इसके सरकार ने नौकरी भर्ती प्रक्रिया बंद कर दी है. मराठा ओबीसी छात्रों की संख्या को देखते हुए बड़े पैमाने पर आरक्षण देने, क्रीमीलेयर की पद्धति बंद करने, सर्वागीण व शैक्षणिक विकास के लिए राष्ट्राय बजट में शिक्षा पर 25 प्रतिशत प्रावधान किया जाने की मांग की है. अन्यथा बेरोजगारों को शिक्षा के अनुसार 5 हजार से 2 हजार तक मानधन के तौर पर रोजगार भत्ता देने की मांग की गई है. क्रीड़ा क्षेत्र में गुरु द्रोणाचार्य व अर्जुन पुरस्कार यह भेदभाव करनेवाले  पुरस्कार के प्रतिक बन रहे है. इसलिए उपरोक्त  पुरस्कार बंद करने की मांग भी भारतीय युवा मोर्चा ने की है.धरना-आंदोलन में नितिन रजाने, प्रवीण सवाई, सौरब तागड़े, मनीष दुर्वे, दर्शन बोरकर, अनुज खांडेकर, प्रफुल्ल गवई, रवि इगले, मंगेश गावंडे, आदि शामिल है. 

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